केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने पिछले कुछ महीनों में 2026 की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कई महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। ये बदलाव छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए बेहद आवश्यक हैं, ताकि वे आगामी परीक्षाओं की तैयारी सही दिशा में कर सकें। नीचे कुछ मुख्य बिंदुओं में इन परिवर्तनों को प्रस्तुत किया गया है:
1. साल में दो बार CBSE बोर्ड परीक्षा
CBSE ने 2026 से 10वीं कक्षा के लिए एक बड़ा बदलाव किया है। पहले जहाँ साल में केवल एक ही बोर्ड परीक्षा होती थी, अब बोर्ड दो बार परीक्षा आयोजित करेगा।
नई व्यवस्था के अनुसार:
- मुख्य परीक्षा (Main Exam):
यह परीक्षा फरवरी के मध्य (Mid-February) में आयोजित की जाएगी। - दूसरी परीक्षा (Second Exam):
यह परीक्षा मई (May) में आयोजित की जाएगी- जो छात्र किसी विषय में असफल हुए है, वे इस परीक्षा में शामिल होकर दोबारा मौका पा सकेंगे।
- जो छात्र अपने अंकों में सुधार (Improvement) करना चाहते हैं, वे भी इसमें भाग ले सकते हैं।
2. दोनों परीक्षा के लिए पूरा Syllabus
फरवरी और मई दोनों परीक्षाओं में पूरे शैक्षणिक वर्ष का पाठ्यक्रम शामिल होगा। परीक्षा पैटर्न या अंकन योजना (मार्किंग स्कीम) में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
3. Result Timelines & आंतरिक मूल्यांकन
फरवरी परीक्षा के परिणाम अप्रैल में घोषित किए जाएँगे और मई परीक्षा के परिणाम जून में घोषित किए जाएँगे ।
फरवरी परीक्षा से पहले एक बार आंतरिक मूल्यांकन (प्रोजेक्ट, प्रैक्टिकल आदि) आयोजित किए जाएँगे।
4. दूसरी परीक्षा कौन दे सकता है?
दूसरी परीक्षा सभी के लिए अनिवार्य नहीं है, बल्कि यह कुछ विशेष श्रेणियों के छात्रों के लिए उपलब्ध होगी:
Improvement: वे छात्र जिन्होंने फरवरी परीक्षा में पास कर लिया है लेकिन तीनो विषयों में बेहतर अंक प्राप्त करना चाहते हैं।
Compartment: वे छात्र जो फरवरी परीक्षा में एक या दो विषयों में असफल हुए हैं, वे मई में उन विषयों के लिए फिर से परीक्षा दे सकते हैं।
Special cases: ऐसे छात्र जो खेल प्रतियोगिताओं के कारण परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए या जो शीतकालीन क्षेत्रों के स्कूलों से हैं , उनके लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
5. Essential Repeat(आवश्यक पुनरावृत्ति)
यदि कोई छात्र पहली (फरवरी) परीक्षा में तीन या अधिक विषयों की परीक्षा में शामिल नहीं होता है, तो उसे “Essential Repeat(आवश्यक पुनरावृत्ति)” घोषित किया जाता है और वह मई परीक्षा में शामिल नहीं हो सकता। ऐसे छात्र को अगली वर्ष की परीक्षा का इंतज़ार करना होगा।
उम्मीदवारों की सूची, परिणाम और प्रमाणपत्रों से जुड़े नियम:
स्कूलों को पहली (फरवरी) परीक्षा की उम्मीदवारों की सूची (LOC – List of Candidates) में सभी छात्रों के नाम सही और समय पर दर्ज करने होंगे, क्योंकि दूसरी (मई) परीक्षा के लिए नए नाम जोड़े जाने की अनुमति नहीं होगी।
अंतिम Mark Sheet और Passing Certificate केवल जून में होने वाली दूसरी परीक्षा के बाद ही जारी किए जाएंगे।
Merit Certificate छात्र के सबसे अच्छे प्रदर्शन के आधार पर दिया जाएगा, चाहे वह फरवरी हो या मई परीक्षा।
फरवरी परीक्षा के बाद, छात्रों का प्रदर्शन दस्तावेज (Performance Document) DigiLocker पर उपलब्ध होगा। यदि छात्र मई की परीक्षा में दोबारा शामिल नहीं होना चाहते, तो इस दस्तावेज़ का उपयोग वे कक्षा 11 में प्रवेश के लिए कर सकते हैं।
CBSE 2026 की नई गाइडलाइन की सफलता के लिए प्रभावी योजना, निरंतर मूल्यांकन और सूचित निर्णय लेना अभिभावकों, शिक्षकों और छात्रों के लिए बेहद आवश्यक होगा। अंततः इन बदलावों की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वे कितनी अच्छी तरह सख्ती और लचीलापन के बीच संतुलन बनाए रख पाते हैं और क्या ये परीक्षा की चिंता को कम करने के वादे को पूरा करते हुए शैक्षणिक मानकों को बरकरार रख पाते हैं।
CBSE 2026 New Exam Rules: FAQ
प्रश्न 1. क्या CBSE 2026 में Term Wise Exam होंगे?
उत्तर. हाँ, 2026 से CBSE साल में दो बार बोर्ड एग्जाम लेगा।
प्रश्न 2. क्या सिलेबस में कोई कटौती की गई है?
उत्तर. नहीं, छात्रों को पूरे शैक्षणिक सत्र का सिलेबस पढ़ना होगा।
प्रश्न 3. क्या परीक्षा पैटर्न में बदलाव है?
उत्तर. नहीं, परीक्षा पैटर्न और मार्किंग स्कीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
प्रश्न 4. Practical Exams किस आधार पर होंगे?
उत्तर. Practical Exams पूरे सिलेबस के अनुसार होंगे, जिसमें Internal Assessment भी शामिल होगा।