भारत में जमीन खरीदने और बेचने की प्रक्रिया हमेशा से जटिल रही है। दस्तावेजों की लंबी लिस्ट और नियमों की कठिनाई के कारण आम लोगों को काफी परेशानी होती थी। लेकिन अब सरकार ने जमीन रजिस्ट्री (Land Registry Rules 2025) के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव से प्रक्रिया और भी आसान और पारदर्शी हो जाएगी।
नया बदलाव क्या है?
अब जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए लंबी-चौड़ी डॉक्यूमेंट लिस्ट की आवश्यकता नहीं होगी। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ 4 जरूरी दस्तावेज़ ही जमीन की रजिस्ट्री के लिए पर्याप्त होंगे।
जमीन रजिस्ट्री के लिए जरूरी 4 दस्तावेज़
- पहचान पत्र (ID Proof): आधार कार्ड/पैन कार्ड/वोटर ID
- पता प्रमाण पत्र (Address Proof): बिजली बिल/राशन कार्ड आदि
- खरीद-बिक्री एग्रीमेंट (Sale Deed Agreement): खरीदार और विक्रेता के बीच का समझौता
- खसरा-खतौनी/भूमि रिकॉर्ड (Land Record): जमीन से संबंधित मूल कागजात
इस बदलाव का उद्देश्य
- जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना।
- फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी को रोकना।
- लोगों को समय और पैसा बचाने में मदद करना।
- ऑनलाइन रजिस्ट्री प्रक्रिया को प्रोत्साहित करना।
- किन्हें मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा?
- आम नागरिक जो छोटे-छोटे भूखंड खरीदते हैं।
- ग्रामीण क्षेत्र के लोग जहां अब तक जटिल दस्तावेजों की वजह से रजिस्ट्री कठिन थी।
- वे लोग जो पहली बार संपत्ति खरीद रहे हैं।
रजिस्ट्री प्रक्रिया अब कैसे होगी?
- खरीदार और विक्रेता को तय किए गए 4 दस्तावेजों के साथ सब रजिस्ट्रार कार्यालय जाना होगा।
- वहां बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के बाद रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
- कुछ राज्यों में यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी शुरू की जा रही है।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1: जमीन रजिस्ट्री के लिए अब कितने दस्तावेज़ जरूरी होंगे?
Ans: अब सिर्फ 4 दस्तावेज़ ही पर्याप्त होंगे।
Q2: क्या यह बदलाव पूरे भारत में लागू होगा?
Ans: हां, केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार इसे सभी राज्यों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
Q3: क्या ऑनलाइन जमीन रजिस्ट्री की सुविधा भी मिलेगी?
Ans: हां, कई राज्यों ने ऑनलाइन रजिस्ट्री शुरू कर दी है और जल्द ही यह देशभर में लागू होगी।
Q4: इससे आम नागरिक को क्या फायदा होगा?
Ans: समय और पैसे की बचत होगी और फर्जीवाड़े की संभावना कम हो जाएगी।